तुम नही तो बरसात में भी प्यास है,
तुम नही तो ज़िन्दगी उदास है।
तुम नही तो अधूरी मेरी शाम है,
तुम नही तो अधूरा मेरा नाम है।
तुम नही तो रूठी मेरी किस्मत है,
तुम नही तो झूठी मेरी फितरत है।
तुम नही तो मैं भीड़ का हिस्सा हूँ,
तुम नही तो एक छोटा सा किस्सा हूँ।
तुम नही तो हर रंग सादा है,
तुम नही तो पूर्णिमा का चांद भी आधा है।
तुम नही तो हर वक्त परेशान हूँ,
तुम नही तो दुनिया से अनजान हूँ।
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